Who I am?
It is very difficult to define "Who I am?" शायद अपने आप को समझ लेना ही दुनिया का सभी समस्याओं का हल है। अभी तक जितना मैं अपने आप को समझ पाया हूँ ,वो चंद शब्दों के जरिये मैं आपलोगों से साझा करना चाहता हूँ ,और ये अनुभूति मुझे एक लंबे समय से विचारशील रहने से हुआ है। "मैं" शब्द का उच्चारण करते ही मुझे ऐसा बोध होता है कि मेरा अस्तित्व इस शरीर से परे है , मेरी दिनचर्या ,मेरा नाम,इच्छाएँ ,सफलताएं -असफतायें ,भावना ,जरुरत ,आय-व्यय , परिवार ,समाज ,पेशा से इसपर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता। यह शरीर जिसमें मैं रहता हूँ ,इसको स्वच्छ एवं सुन्दर रखना मेरी जिम्मेदारी है ,मेरे मन की इच्छाएँ हैं ,जिसकी पूर्ति करते रहना भी समयानुसार आवश्यक है ,इसीकारण मैं किसी न किसी प्रॉफ़ेसन से जुड़कर Source of income को Create करते है ताकि अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं को पूरा की जा सके। मेरे मन और शरीर को इमोशन ,सेफ्टी की आवश्कता पड़ती है ,इसलिए मैं परिवार बनाना तथा उससे जुड़कर रहना पसंद करता हूँ। सफलता मिलने पर मन प्रसन्न होता है ,असफलता मिलने पर दुःखी होता है ,लेकिन इसका कोई असर मेरे ऊपर नहीं होता।