खरे सोने की कहानी!
खरे सोने की कहानी जी हाँ ! खरे सोने कि कहानी !अजीबोग़रीब,आश्चर्यपूर्ण परन्तु काल्पनिक! एक सोना का टुकड़ा ,मटमैला ,कई अशुद्धियो से भरा हुआ, जिसे एक साधारण आदमी ने धरती माँ की गोद में छिपा बैठा देख लिया। उन्होंने उसे बहुत ही प्यार से उठाया, पानी से धोया फिर विभिन्न तरीकों से उसे पहचानने की कोशिश की ,पूर्ण विस्वश्त होकर उसे गावं के किसी जोहरी के यहाँ उसे शुद्ध करने को दिया। भला गावं का जोहरी आधुनिक तकनीकों के अभाव में जो कुछ शुद्ध हो पाया वो हुआ ,पुनः वह सोने को लौटा दिया। साधारण आदमी ने उसे फिर एक छोटे से शहर के जोहरी के हाथों दे दिया,उसने भी उसे हद तक शुद्ध किया। पुनः लौटा दिया। अब वो साधारण आदमी सोने में और निखार लाने के लिए एक बड़े शहर में भेजा ,पर वहाँ जाकर न वो सोना शुद्ध हो पाया न ही अशुध्दता की कोई दाग लगी। साधारण आदमी को बड़ा असंतोष हुआ और उसने सोने कुछ दिन तक अपने पास रखा। सोना उस आदमी के पास पड़ा रहा ,जब जब जरुरत पड़ी ,उसने सोने से काम लिया। कुछ दिन बाद वो आदमी को एक बड़े शहर में एक अच्छे जोहरी का पता चला ,उसने जोहरी को वो सोना शुद्ध करने के लिए दे दिया। जोहरी जिसे वो सोना मिला उस