साफ नीयत
साफ नीयत

गाँव में स्थित मस्जिद के मौलवी का आकस्मिक निधन होने की वजह से, उन्हें वहाँ का नया मौलवी नियुक्त किया गया था। प्रेम, मुहब्बत और ईमान की तालिम जब वो कुरान सरीफ के बिभिन्न आयतों से देते और साथ में ही कुछ एक उदाहण गीता के छंद से भी देते तो मानो धार्मिक मतभेद से ऊपर उठकर वातावरण मानव सेवा के लिए तत्पर हो गया हो।

मौलवी जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद अस्लम को रुपये वापस कर दूंगा। कुछ देर बाद मन में विचार आया कि बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहे है, आखिर ये कौन सा ईमानदारी का कमाते हैं, बेहतर है इन रूपयों को अल्लाह की दुआ समझकर अपने पास ही रख लिया जाए। वह इनका सदुपयोग ही करेंगे।
-मन में चल रहे विचारों के बीच उनका गंतव्य स्थल आ गया. टमटम से उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके, उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर असलम को देते हुए कहा, भाई तुमने मुझे किराया काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे। असलम मुस्कराते हुए बोला, क्या आप ही गाँव के मस्जिद के नए मौलवी है?
-मौलवी जी के हामी भरने पर असलम बोला, मेरे मन में कई दिनों से आपके बातें सुनने की इच्छा थी, आपको टमटम में देखा तो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं अगर ज्यादा पैसे दूँ तो आप क्या करते हो..!
लेकिन मेरी निगाहों में एक और संदेह है , दस रूपये जैसे मामूली रकम भी लेना आप हराम समझते है तो क्या इस्लाम के नाम पर किसी बेगुनाहों की जान लेना हराम नहीं है ?
मौलवी जी ने स्पष्ट किया , अल्लाह महान है वो किसी कत्लेआम की इजाजत नहीं देता।
असलम का संदेह बढ़ता ही जा रहा था , उसने कहा फिर अफगानिस्तान में " अल्लाह हु अकबर " के नारे लगाकर तालिबानी कत्लेआम क्यों कर रहे हैं?
क्युकि वो अल्लाह के नेक वचन को भूल चुके है ,याद रखो,
"लोग तुम्हारे कारनामे देखते हैं , और रब तुम्हारी नियत देखता है ".

असलम ने गाड़ी आगे बढ़ा दी।मौलवी जी टमटम से उतरकर पसीना-पसीना थे। उन्होंने हाथ उठाकर अल्लाह का आभार व्यक्त किया कि हे अल्लाह आपका लाख-लाख शुक्र है जो आपने मुझे बचा लिया, मैने तो दस रुपये के लालच में आपकी तालिम की बोली लगा दी थी। पर आपने सही समय पर मुझे सँभालने का अवसर दे दिया। कभी - कभी हम भी तुच्छ से प्रलोभन में, अपने जीवन भर की चरित्र पूँजी दाँव पर लगा देते हैं।
-ज़रा चिन्तन करें..लिखा है किसी ने..
"गुनाह करके कहाँ जाओगे ग़ालिब ,
ये जमीं ,ये आसमां ,सब उसी का है।
-पवन कुमार
MBA(HR),LLB
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