Posts

Showing posts from May, 2023

माँ का आँचल

Image
माँ का आँचल  वैसे तो जिंदगी के  दो  ही  पहलु होते हैं ,सुख़ और दुःख ! परन्तु जीवन में कुछ छण ऐसे भी आते हैं ,जब दुःख अपनी सीमा लांघ कर असीम दर्द दे जाते है !उनदिनों मैं पटना में डॉ. अरुण कुमार झा के  मकान में रहता था। १ मई २००७ की सुबह उठे ही थे की एक करीबी रिस्तेदार के द्वारा यह मालूम हुआ  की मेरी माँ की तबियत कुछ ज्यादा ही ख़राब है !मेरी माँ करीब ५-६ महीनों से बीमार रह रही थी,जिसका उपचार पहिले तो पटना से ही फिर मुंगेर स्थित डॉ. मदन प्रसाद से कराया जा रहा था। फोन से समाचार लेने के बाद मैं व्याकुल हो गया और अगले ही सुबह मैं घर चला गया। मेरी माँ चारपाई पर लेटी दर्द से कराह रही थी। आस -पास दवाई के कई डब्बे और परिजन बैठे थे। मैंने माँ का चरणस्पर्श किया , माँ की आखों में आंसू छलक पड़े ! ...मेरी भी आँखें नम हो गयी। फिर मैं सांत्वना के दो शब्द कहकर हाथ-पैर धोये और पटना ले चलने का प्रोग्राम बनाया। ३ मई को करीब १ बजे रात में हमलोग पटना पहुंचे। ४ मई की सुबह हमलोग उसे शल्यचिकित्सक डॉ ब्रजभूषण पाण्डेय के यहाँ दिखाया। अल्ट्रासाउंड , एक्स -रे एवं  विभिन्य प्रकार के जाँच के बाद शाम को  डॉ ने बीमारी को